संस्मरण
सँस्मरण साहित्य’क अभिन्न अँग होएत छैक आ पाठक लेल रुचिकर सेहो. कतेक रास बात मे केतेको नीक सँस्मरण लिखल गेल अछि. पाठक लोकनि लेखक केँ टिप्पणी दऽ प्रोत्साहन कऽ सकैत छथि:
1. हमर गामक यात्रा
2. बेगरता (राजीव रंजन लाल)
3. भोरे भोर मिथिला मे (खट्टर काका)
4. आजुक अखबार (धीरेन्द्र कुमार झा "धीरू")
5. अखबारक चोरी (राजीव रंजन लाल)
6. बंगलौरक होली (राजीव रंजन लाल)
7. जब मैने एक जाट को चुड़ा-दही-चीनी खिलाया था (पद्मनाभ मिश्र)
8. वापसी (बालचन)
9. दही-चूड़ा-चीनी (राजीव रंजन लाल)
10. कतेक रास बात (बालचन)
11. लुका-पाती (राजीव रंजन लाल)
12. हम छी मोहम्मद सगीर! केशव कर्ण
13. कत्ता दिन भेल हमरा अहि ब्लोग पर पोस्ट केला (बालचन)
14. तस्मै श्री गुरुवे नमः करण समस्तीपुरी
15. घिढारी के मंत्र करण समस्तीपुरी