प्रिय पाठकगण;
एहि ब्लोग’क शुरुआत हम २००४ मे केलहुँ. ताबय धरि हमरा जानकारी मे मैथिली भाषा इन्टरनेट पर नहि छलए. एत्तेक पढ़ल लिखल समाज मे ई एकटा अपमानजनक वस्तु लागैत छल. लोक सब आबैत गेलाह आ ई ब्लोग सँ उभरि केँ मैथिली साहित्य’क आनलाइन प्रकाशन मे एकटा सशक्त माध्यम बनि गेल. आई लगभग २०० गोट रचना एहि पर उपस्थित अछि.
ओना तऽ बहुत ब्लोग इन्टरनेट पर उपलब्ध अछि मुदा हमरा लोकनिक प्रयास अछि जे बिल्कूल अनुशासित तरीका सँ गुणवत्ता केँ मेनटेन काएल जाए. हमरा लोकनि यदि किनको मोन मे मैथिली साहित्य प्रेम जगा सकी तऽ ई हमरा लोकनिक लेल एकटा उपल्ब्धि सँ कम नहि रहत.
हमर सभ’क लक्ष्य:
हमरा लोकनिक कार्यकर्ता:
सम्पर्क करबाक लेल एहि ईमेल editor @ vidyapati.org केँ प्रयोग करु.
ओना तऽ बहुत ब्लोग इन्टरनेट पर उपलब्ध अछि मुदा हमरा लोकनिक प्रयास अछि जे बिल्कूल अनुशासित तरीका सँ गुणवत्ता केँ मेनटेन काएल जाए. हमरा लोकनि यदि किनको मोन मे मैथिली साहित्य प्रेम जगा सकी तऽ ई हमरा लोकनिक लेल एकटा उपल्ब्धि सँ कम नहि रहत.
मैथिली भाषा’क सबसँ बढ़िया, सबसँ सम्मानित आ सबसँ लोकप्रिय मँच बनब.
हमरा लोकनिक कार्यकर्ता:
- आदि यायावर (मूल नाम: पद्मनाभ मिश्र)
- केशव कर्ण
- राजीव रँजन लाल
- कुन्दन कुमार मल्लिक
- सुभाष चन्द्र