चिन्हार- सुभाष चन्द्र

चिन्हार

एहेन नहिं की अहीं टा हमरा सँ चिन्हार नहिं,
हमर अपन जिनगी सेहो हमरा सँ चिन्हार नहिं,
अन्हार सँ पुछि लेब हमर घर'क पता,
एहि शहर'क रोशनी हमरा सँ एखन चिन्हार नहिं,
खोखरि लेब कोनो दिन ओकर चेहरा सँ नकाब,
इ बनावटी सादगी हमरा सँ एखन चिन्हार नहिं,
काल्हि हमरा कहब अहाँ एहि युग'क मसीहा,
आई मानल जे इ सदी हमरा सँ एखन चिन्हार नहिं।
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बच्चा

अपना बचपन सँ छलल गेल बच्चा
कोन एहेन गरल पी गेल बच्चा
आँगुर आब नहिं पकरैत अछि ओ
अपन पैर पर चलैत अछि बच्चा
की बुजुर्ग सन गप्प करैत अछि
स्वयं सँ आगाँ निकलि गेल बच्चा
छीनलक हिनकर मुस्की कियैक
समय के कियैक अधलाह लागल इ बच्चा
दोष ओकरा भला कोना दियैक
जेना ढालल ओ ढलि गेल बच्चा।

(नोट-एहि रचना केँ रचनाकार छथि श्री सुभाष चन्द्र जी। अपनेक घर अछि मधुबनी जिला अंतर्गत हरिपुर मझराही टोला (कलुआही), आ अहाँ श्री विघ्नेश झा'क सुपुत्र छी। अहाँ वर्ष 1995 में मैट्रीक उत्तीर्ण कयला के पश्चात अध्ययन'क संगे-संग पत्रकारिता क्षेत्र सँ जुडल छी। तीन साल धरि आकाशवाणी दरभंगा में कार्यक्रम सेहो प्रसारित कयलहुँ। एखन पिछला पाँच साल सँ नियमित रुप सँ दिल्ली में पत्रकारिता क्षेत्र में कार्यरत छी। सम्प्रति अपनेक हिन्दी पाक्षिक पत्रिका "प्रथम इम्पैक्ट" में कार्यरत छी। अपनेक एकगोट हिन्दी कहानी संग्रह "मुफ्त की चाय" प्रकाशनाधीन अछि आ मैथिली में कहानी संग्रह'क लेल रचना सभहक ओरियान में लागल छी।
सम्पर्क-
सुभाष चन्द्र,
13/ए, सी बी ब्लॉक, शालिमार बाग,
नई दिल्ली- 110088,
मो.- +91-98718 46705
ई-मेल- subhashinmedia@gmail.com )

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