मैथिली ब्लोग केर विहँगम दृश्य

राजीव रँजन लालः मैथिली केँ वर्ल्ड वाइड वेब पर अनबाक भीष्म प्रतिज्ञां
1. बंगालौरक होली
होली शुरु भेल। हम सब अपना में एक ठाम करीब सात-आठ गोटेक रहियऽ। से जबरदस्त होली भेल। गोर की आ कारी की सब एक जकाँ भऽ गेल। आब सोचलियेक जे अपना में एतेक नीक होली भऽ गेल तऽ और जे कनी नजदीकी छैथ हुनको सब सऽ पूछल जाय। ...

2. दही-चूड़ा-चीनी
दही-चूड़ा-चीनी सुनि के दू टा बात मोन पड़ैत अछि। पहिल तऽ तिल-संकराति में घरक पौड़ल दहीक संग घरक कूटल ललका चूड़ा आ दोसर हरिमोहन झाक लिखल खट्टर ककाक तरंग में एहि शीर्षक सऽ प्रकाशित दही-चूड़ा-चीनी के उतकृष्ट, अप्रतिम महिमा। .....

3. लुका-पाती: जे गाम में रहल छैथ हुनका मोन हेतैन दिवाली में जलै बला लुका पाती। कपडा के गोला के तार सँ कसि के बनाओल जायत छैक ओकरा आ तखन मटीया तेल में डुबा कऽ आगि लगा के गामक धिया पुता सौंसे गाम इजोरिया केने रहै छैथ। एहि ब्लोग में हम लिख रहल छी अपन पहिल लुका पाती खेलै के संस्मरण।

बालचन:
यात्री जी'क बलचनमा ,यात्री जी'क यात्रा केँ आगू बढेबा'क सफल प्रयास करैत श्री मनीष झा

४। सपना : राति देखल एक गोट स्वप्नक गप कहैत छी। ब्रह्मस्थान बला बड़का पोखरिक भीड़ पर माछ मारति रहि। झींगुर ध्वनिमय अधरातिक सन्नाटा में ओई भुतहा पोखरिक भीड़ पर हम असगरे बन्सी धेने बैसल छलहुँ। मन्द मन्द बसातक सन्गहि मोन में रसे-रसे डर सेहो पैसल जा रहल छल। ...

५। वापसी: फ्लाइट सँ उतरिते जेना बुझायल हमर देह सँ गीदड़क खाल उतरि गेल। 12 साल बाद आय हम वापस गाम जा रहल छी। न्यूयार्क के हल्ला-गुल्ला आ मशीनी ऐश्वर्यक जिंदगी सँ भागि कऽ अखन हम दिल्लीक दयनीयता में ठाढ़ छी। एतेक साल व्यवसायिक वातावरण में रहि जेना हम अपना के पूरा बिसरि गेल छलहुँ ...

६। रोपनी : कहु की हाल समाचार यौ? सब दुरुस्त ने? हमर हाल की कहु, रोपनी शुरु भऽ गेल अछि। अहि बेर हथिया बढिया जकाँ बरिसलय कहाँ? तैयो कोनो तर्हे धान तऽ रोपै के छैहे। टोल पर जा कऽ काल्हि साँझे जौन अढा ...

७। इन्द्रजाल : भरोसियाक बदरंग मुँह कान देखि आब के कहतै जे कुश्ती में असगरे ई चारि टा जवान के पटकी दैत छल। धारक कात माघ मासक पूर्णीमा मेला में जत्थाक जत्था लोक अहि भरोसियाक तमाशा देखऽ अबैत छल।

पद्मनाभ मिश्र : मैथिली भाषा'क वर्ल्ड वाइड वेब सँ अनुपस्थिति हिनका लेल अपमान'क गप्प छलन्हि. एहि ब्लोग'क शुरुआत कयनिहार

8। जब मैने एक जाट को चुड़ा-दही-चीनी खिलाया था : मैथिल'क स्वभाव नम्र आ जाट'क स्वभाव उग्र। इम्हर कोनो बात सीधे-सीधे कहबाक आदत नहिँ, कान केँ घुमा के पकड़बाक आदत तऽ जाट'क स्वभाव बिल्कुल स्ट्रेट-फोरवार्ड, मौसी केँ बाप'क सारि कहबा मे कोनो सँकोच नहि। इम्हर जाट रेजिमेण्ट ते उम्हर मैथिल पन्डिताई। उम्हर मक्कई'क रोटी आ सरसों'क साग तऽ इम्हर चुड़ा-दही-चीनी। इम्हर हरिमोहन झा ते उम्हर सुरेन्द्र शर्मा ...

९। मिथिला ! अपन मिथिला ! : सामा-चकेबा,बगीया, पुडिकिया, तिलकोड,पोखडि मे माछ आ मखान,आर कतेक रास बात,मिथिला, अपन मिथिला, अपन मैथिलि, अपन मैथिल !...

१०। मैथिली भाषा: प्रिय मैथिल बन्धु;ई सुचना प्रौद्योगिकीक युग मे अपन देवनागरी लिपि वा तिरहुता लिपि मे मैथिली भाषाक एहि जाल-स्थल सँ अनुपस्थिति एकटा सोचनीय विषय भ' गेल अछि। हम त सुरु केलहुँ मुदा एकरा आगु बढेबाक उत्तरदायित्व अपने सभ' लोकनिक थीक। हम ताकि रहल छी किछु युवा मैथिल केँ जे एहि दिशा मे कार्य करथि.जे कियो मैथिल बन्धुगण एहि मे भाग लेबाक इच्छा राखति छथि हुनकर हम करेजाक पेनीक सतह सँ स्वागत करैत छिहन्हि. हमरा एहि ई-मेल पर सम्पर्क काएल जाओ

इंद्र कान्त लाल
सम्पूर्ण मैथिलः पटना मे रहि मैथिल यूवक केँ अपन उपस्थिति'क आभास करबैत एक मैथिल बुजूर्ग

११। :कुमारै रहबै :
खोलह आँखि हे औढर-ढर तौं,
हम की आब कुमारै रहबै।

अंतिम फेसबुक अपडेट

लेखक: आदि यायावर मूलनाम: डा. कुमार पद्मनाभ पीयूस आफिस पहुँचि गेल छलाह. सबसँ पहिने अपन लैपटॉप खोलि फेसबुक में स्टेटस अपडेट केलाह आ ...