- श्री संतोष कुमार मिश्र
करबौलक बजेट निकासा
अपन जेबी नीक सँ भरलक
तोरलक मैथिलक आशा
कहै हम मैथिल छी।
कवि- श्री संतोष कुमार मिश्र। जनकपुर (नेपाल) निवासी श्री संतोष कुमार मिश्र जी काठमाण्डू (नेपाल) मे एकटा बहुराष्ट्रीय कम्पनी मे अधिकारी छथि। मैथिली साहित्य सँ विशेष लगाव आ मैथिली मे एखन धरि “पोसपूत" आ "उदास मोन” (कथा संग्रह), "एना" (आईना) (सम्पादित कविता संग्रह) आ "एना किए"(कविता संग्रह) प्रकाशित। सम्पर्क- 00977-98510-11940 (मोबाइल)
चारि विदेशी छह गोटे देसी सँ
खतम कएलक सम्मेलन
ककरो चुरा दही, ककरो भात
खतम कएलक अन्वेषण
कहै हम मैथिल छी।
बैनर सेहो गलतीए लिखल
कहै हम छी ठीकदार
लिख लौढा, पढि पाथ र सबहे
बुझै अपना के बुधियार
कहै हम मैथिल छी।
बिना योजना के ओ सम्मेलन
रहि गेल ओ हरमुनिया के धुनि मे
फूटि गेल ढोलक के आवाज संगे ओ
चलि गेल ओ आयोजक के भूर मे
कहै हम मैथिल छी।
श्रवीनमा गंगेशवा जे किछु कएलक
चलि गेल सबहक पेट मे
भाषा पर खोज करौलक
चलि गेल नदी कातक खेत मे
कहै हम मैथिल छी।
नहि त' अपन बापके भेलै
नहि भेलै ओ बेटा के
मात्र किछु बजेटक खातिर
मिथिला परली चपेटा मे
कहै हम मैथिल छी।
नहि त' धोती पहिरौने मैथिल होएब
नहि पाग ककरो पहिराकs
अपनेमे सभ के फोरिक राखत
ल' जाएत सबहे ओ सझियाक'
बुद्धि नहिए, कहै हम मैथिल छी।