"पोसपुत" पुस्तक के समीक्षा


अखुनका दौर में मैथिली पुस्तक के प्रकाशन एकटा दुर्लभ गप्प भेल जा रहल अछि आ एहि परिदृश्य में कोनो मैथिली पुस्तक के प्रकाशित भेनाय मोन के अनायास प्रफुल्लित करैत अछि। किछु दिन पहिने संतोष कुमार मिश्र के पुस्तक "पोसपुत" नेपाल से प्रकाशित भेल आ संतोष जी हमरो दु टा प्रति सहृदयपूर्वक कूरियर के मार्फत पठौलेथ। ओही पुस्तक के संदर्भ में एतय किछु बात।


पुस्तक में कुल सात टा कथा अछि जेकर क्रम निम्न अछि।



  • पोसपुत

  • एकटा व्यथा पत्र में

  • जखन कनिञा भेलखिन बिमार

  • सिपाहि

  • डाक्टर

  • भाग्य अप्पन अप्पन

  • दाग

पुस्तक के खासियत अछि एकर देवनागरी आ तिरहुत लिपि दुनु में लेखन। कथा के संस्मरण शैली में लिखल गेल अछि आ कथाकार युवा वर्ग के मानसिकता के प्रतिबिम्बित करैत छैथ जे कहानी के शैली में नवीनता आनैत अछि।


एहि पुस्तक के पढ़ला पर जतय लेखक के मैथिली भाषा के प्रति लगाव आ ओही में लेखन प्रशंसनीय लागैत अछि ओतहि कथा सभक स्तर के देखि बहुत अफसोस होयत अछि। "डाक्टर" कथा के छोड़ि बाकी कथा मैथिली कथा के स्तर से बहुत नीचा अछि। मैथिली साहित्य में बहुत कम प्रकाशन भेला से स्तरीय पुस्तक के प्रकाशन के लेल आशा कयल जायत अछि आ एहेन में कोनो स्तरहीन पुस्तक के लेल जगह नहि रहि जायत अछि।


आशा जे संतोष जी के अगिला पुस्तक स्तरीय हेतैक आ ओ अपन जगह मैथिली के मानक लेखक में बनाबै में सफल हेता। "कतेक रास बात" हमेशा से मैथिली लेखन आ साहित्य के प्रोत्साहित करैत आयल अछि आ संतोष जी के सेहो धन्यवाद जे ओ हिम्मत क' के आगाँ अयला। एहिना लिखैत रहु आ मैथिली के अपन स्तरीय योगदान दियौक।

संतोष जी सँ +977-9841377570 (मोबाइल, नेपाल) पर सम्पर्क साधल जा सकैत अछि।

शुभकामना,
कतेक रास बात

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