आई फेर मोन उदास अछि …….

आई फेर मोन उदास अछि !
आँखि मे अतीत ,
आ जी मे प्यास अछि !
आई फेर मोन उदास अछि !!

दिवालीक दीया आ होरीक रंग !
लडिकपन के संगी, गामक हुरदंग !!
नुक्का-छिप्पी ओ झगड़ा-लड़ाई !
पोखरिक भीड़ पर पसरल अमराई !!
बहुरत कखन ओ दिन,
लगौने ई आस अछि !
आई फेर मोन उदास अछि !!

महुआ के मह-मह आ गमकैत आम !
अंगराई धरतीक नयनाभिराम !!
कोइली-पपीहरा गाबय मल्हार !
भौंराक गुंजन आ वसंती बयार !!
विरहक बैरी,
आएल मधुमास अछि !
आई फेर मोन उदास अछि !!
***
- करण समस्तीपुरी

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