१०० वाँ रचना
कवि-श्री विवेकानन्द झा
आइ प्रातः
इजोतक यात्रा संऽ पूर्व
हमर पदचाप सुनि
कनेके काल पहिने
सूतल हमर मॊहल्लाक खरंजा
अपन गाढ़ निन्न संऽ
जागि उठल
मधुबनी जिलान्तर्गत मधेपूर थाना अन्तर्गत तमौरिया स्टेशन लऽग’क बाथ नामक गाम’क निवासी श्री विवेकननद झा सम्प्रति नई दुनियाँ मे पत्रकार छथि. हिन्दी साहित्य’क अतिरिक्त हिनका मैथिली साहित्य मे विशेष रुचि छन्हि. प्रस्तुत कविता हुनक कतेक रास बात’क लेल प्रथम रचना छिअन्हि
बहुत दिनक बाद
हमर आंखि मे
अरुणिमा पहिने उलहन दैत
आ बाद मे मुसकिआएत
बहुत दिनक बाद
मऽन पड़ल एकटा पांति
'अलस पंकज
दृग अरुण मुखतरुण
अनुरागी प्रिय
यामिनी जागी'