- अमित अभिनन्दन
सुन्दर गाछक शाख
रंग बिरंगक फूल खिलल अछि
पोखरिक काते कात
खूब लाल अछि फूल बैजयंती
पीयर अछि कनेल
बेला जूही चंपा सभ सं
राह आच्छादित भेल
कवि- अमित अभिनन्दन,
झंझारपुर प्रखण्डक बलियारि ग्रामक निवासी 24 वर्षीय अमितजी पेशा सँ चिकित्सा विज्ञानक छात्र छथि आ संगे-संग साहित्यानुरागी सेहो छथि। सम्प्रति ज. ला. नेहरु चिकित्सा महाविद्यालय, भागलपुर मे अध्ययनरत। कतहु प्रकाशित हुनक इ पहिल रचना छियन्हि।
सम्पर्क- +91-93865 50687
- सम्पादक, "कतेक रास बात"
गाछ सिंघारक खूब फुलायल
सून मुदा अछि आम
आमक डारि पर सजमनि लत्ती
कतेक नीक एही ठाम
दूर दूर तक धानक कोला
हरियर हरियर खेत
बड़का डकहर घूमि रहल अछि
काँकोर लेने पेट
समय सोहावन अति प्रीतिकर
तुंरत धूप फेर छाँव
बीच मेघ में बहुत ऊँच पर
सूर्य जमौने पाँव
बीच पानि में बत्तख दौड़य
काते काते माछ
कमल फूल पर भौंरा उडि उडि
खूब देखाबय नाच
प्रकृति केर ई अनुपम बेला
पंछी गाबय गीत
पीपर तर सं सूरज झांके
धरा लगाबय प्रीत।