कतेक रास बात !!

बहुत दिन स हम अहि ब्लॉगक एक गोट निश्क्रिय सदस्य बन गेल छलहू | कारण एक ता समयक अभाव छल, दोसर किछू नव लिखबाक इच्छा हर बेर कलम थमा जाई छल| आई बहुत दिनक बाद कीछ समय भेटल ता अपने सभक समक्ष एक गोट प्रेम गीत प्रस्तुत कॅ रहल छी|

"इज़ोरिया राति में चंद्रमाक साथ,
पोखरिक भीड़ पर हाथ धेने हाथ;
किछू कहबाक मोन, मुदा बौक भेला 'बाल';
प्रेयसीक संग जेना व्यूह, कोनो जाल|

कतेक जन्म आहांक हम तकलहू अछी बाट,
संग आजू भेल सखी युगो-युगक बाद|

बिसारी दिय आई लोक-वेद आ समाज,
मिलाउ हमर प्रार्थना स आहा केर नमाज़|
प्रेम केर गीत सखी, प्रेम केर साज़,
प्रेमहि थिक धराक एही रंग केर राज़|

कतेक रास बात एहेन कतेक रास बात,
कहैत आ सुनैत भेल जाई अछि देखु प्रात||"

अंतिम फेसबुक अपडेट

लेखक: आदि यायावर मूलनाम: डा. कुमार पद्मनाभ पीयूस आफिस पहुँचि गेल छलाह. सबसँ पहिने अपन लैपटॉप खोलि फेसबुक में स्टेटस अपडेट केलाह आ ...