नव पोथी : भोथर पेन्सिल सँ लिखल

-- करण समस्तीपुरी
"बारह गोट कथाक सँग्रह, जे आधुनिक मैथिलक जीवन सँघर्ष केँ प्रदर्षित करैत अछि. प्रत्येक कथा शहरक भागम-भाग सँ निकलैत अछि आ गामक कोनो कोनटी मे जा केँ खत्म होइत अछि। वा नहिँ तऽ गाम’क कोनो घर’क ड्योढ़ी सँ निकलि आधूनिक भारत’क कोनो मेट्रोपोलिटन शहर मे खत्म होइत अछि......।" ---- ई कहब छैन्ह आदि यायावर केँ। वीरान होएत मैथिलीक साहित्यिक क्षितिज पर एकटा नव हस्ताक्षर उभरि रहल छथि, आदि यायावर हुनके नाम छिऐन्ह । एक्किसम सदी केँ चकाचौंध मे यायावरजी ल'के आयल छथि "भोथर पेन्सिल सँ लिखल" अपन पहिल कथा संग्रह।
मात्र दर्ज़न भरि कथाक संकलन मे शिक्षा आ व्यवसाय से वैज्ञानिक यायावरजीक लेखकीय प्रतीभाक परिचय भेंट रहल अछि। हम एहि कथा द्वादाशीक सभ टा कथा प्रकाशनपूर्व आ प्रकाशनोपरांत पढने छी। अधिकतर कथा लेखकक सामाजिक फंटासीक परिणति अछि जाहि मे ओ रहस्य-रोमांचक पराकाष्ठाक स्पर्श केने छथि।
खिसकैत-दरकैत सामजिक मूल्यक प्रति आस्थावान लेखक ग्रामीण जीवनक सुघर आंचलिक चित्रण आ' आजुक जीवनशैली सँ ओकर तारतम्य स्थापित करबाक कोशिश मे छथि। रूढी पर प्रहार यायावारजीक कथाक प्रमुख स्वर छैन्ह। भौगोलिक चित्रण कथावस्तु के जीवंत बनाबैत अछि मुदा कतहु-कतहु आंचलिकताक निर्वाह मे लेखक पुनरावृति के शिकार सेहो भेलथि है। अपन कल्पनाक उड़ान मे लेखक पाठकक भावना सँ खूब उठा-पटक करैत छथि........ किछु आदर्श पाठक केँ अतिशयोक्तिक अनुभूति भ' सकैत अछि। शीर्षक कथा 'भोथर पेन्सिल सँ लिखल' मे एक्कहि टा सिक्काक दू टा पहलू केँ भावनाक धरातल पर रोमांचक चित्रण अछि। 'केहन प्रेम' कें बाल-मनोविज्ञान पाठकक माथा नोचे पर मजूर कए सकैत अछि। 'पढ़ल-लिखल लोक' आधुनिक जीवन-शैली मे शिक्षाक महत्व प्राकशित कए रहल अछि ओतहि 'छुतहरबा' सामाजिक व्यवस्था मे व्याप्त विद्रूप कुरीति पर व्यंग्याघात अछि। मुदा एहि संग्रहक सभसँ अनमोल रत्न अछि, नारीक समर्पण आ पुरुषक स्वामिवादी सशंक प्रवृतिमर्मभेदी कथा 'तैइस सालक मेहनति'
यायावारजीक शैली सरल छैन्ह जेकरा ओ व्याकरण मे बंधबाक कोनो प्रयास नहि केने छथि। आंचलिक उपमा गद्य के आओर सरस बना रहल अछि। शब्द-विशेष पर बलाघात सँ भावनाक मनोवांछित व्यंजना मे लेखक सफल छथि। रहस्य-रोमांचक सृजन मे हिनक लेखनी सिद्ध छैन्ह मुदा कतहु-कतहु लेखकक ई प्रवृति पाठकक भावना मे विरोधाभास सेहो उत्पन्न करा सकैत अछि।
मैथिलीक प्रतिष्ठित प्रतिष्ठान दिल्ली कें 'अंतिका प्रकाशन' सँ बहराएल एहि पुस्तकक मनमोहक आवरण पृष्ठ विषयानुकूल प्रतीत होएत अछि। यायावारजीक संकल्प आ हमर अनुमोदन मे कतेक सत्यता अछि ई  जाँचय ले अपनेक एक सय साठि टाका खरचै पड़त।
पुस्तक प्राप्ति आ विशेष विवरण हेतु http://www.bhothar-pencil.co.cc/ पर क्लिक करू अथवा mishrapadmanabh@yahoo.co.in पर यायावरजी सँ संपर्क करू !!

5 comments:

मनोज कुमार said...

बद नीक जानकारी भेंट्ल।

Santosh Kr. Mishra said...

Kathmandu Nepal me Kitab kata upalabdh aichh?

Kripya Janakari pabi

Regds

Santosh Kr. Mishra
+977-9851011940

Kumar Padmanabh said...

धन्यवाद केशव जी.

ई पोथी नई दिल्ली स्थित प्रगति मैदान मे अन्तर्राष्ट्रीय पुस्तक मेला मे स्टाल नं० - 6, हाल- 12A मे उपलब्ध अछि. जिनका ई किताब चाही ओ हमरा सँ सम्पर्क कऽ सकैत छथि.

SANDEEP KUMAR said...

very good thing to done by Mr. Aadiyayavar Ji

Anonymous said...

हम एकटा बिहार क मैथिलि फिल्म production कंपनी(निर्माना motion पिक्चर pvt ltd ) छि I हम सब दूटा सिनेमा बना रहल छि I इ लेल हम सब एक्टर(उम्र ८ से ४५ ) और एक्ट्रेस ( उम्र १८ से 28) क जरुरत ऐछ I सम्बंधित कलाकार सम्पर्क करू I ईमेल -- nirmaana.mp@gmail.com , mob no - 09718867498

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लेखक: आदि यायावर मूलनाम: डा. कुमार पद्मनाभ पीयूस आफिस पहुँचि गेल छलाह. सबसँ पहिने अपन लैपटॉप खोलि फेसबुक में स्टेटस अपडेट केलाह आ ...