नहि सोभैय’ रँगदारी,

कवि- दयाकान्त मिश्र

अहाँ विदेहक छी सन्तान,
राखू याज्ञवल्यक शान,
नहि बिसरु मन्डन अयाची,
वचस्पति विद्यापति केर नाम,
गौरव गाथा सँ पूर्ण धरा पर,
नहि करु एकरा सँग गद्दारी,
नहि सोभैय्य रँगदारी ।

हमर ज्ञान सँस्कृतिक चर्चा,
हई छल जग मे सदिखन,
छल शिक्षा’क केन्द्र बनल,
पहुँचल नहि शिक्षा’क किरण जखन,
आई ठाढ़ि छी निम्न पाँति मे,
नहि करु शिक्षा’क व्यपारी,
नहि सोभैय’ रँगदारी ।

किओ बनल सवर्ण’क पक्षधर,
किओ बनल अवर्णक नेता,
आपस मे सब षडयन्त्र रचि केँ,
एक दोसरा’क सँग लड़ेता,
अहाँ सँ मिथिला तँग भऽ गेल,
छोड़ू आब जातिक ठेकेदारी,
अन्हि सोभैय’ रँगदारी ।

बाढ़िक मरल रौदक झरकल,
जनता के आब कतेक ठकब,
गाम घर पर छोरी पराएल,
आब अहाँ ककरा लुटब,
भलमानुष किछु डटल गाम मे,
नहि फुँकू घर मे चिनगारी,
नहि सोभैय’ रँगदारी ।

4 comments:

Rajeev Ranjan Lal said...

बहुत नीक भाव। एहिना लिखैत रहु।

सुभाष चन्द्र said...

रचना जतेक निक ओही स बेसी प्रासंगिक रहल एकर प्रस्तुति के समय... आई चुनावी महापर्व में पहिल दुबकी लगायल जा रहल अछि... ओही दिन यदि सब कियो एही पर विचार करी त सोन में सुगंध भ जायत...

Kumar Padmanabh said...

हम एक आलोचक’क भाँति टिप्पणी दऽ रहल छी. कृपया अन्यथा नहि लेल जाए.

कविता एकटा बौद्धिक-सम्पदा (intellectual property)होएत अछि. बौद्धिक सम्पदा’क मतलब होइत अछि, अपन बुद्धि द्वारा सम्पदा’क सृजन करब. जतय सृजन नहि ओतय (intellectual property) नहि भऽ सकैत अछि.
प्रस्तुत कविता किछु भावुक पँक्ति’क सँग्रह अछि जाहि मे साहित्य’क कमी साफ उजागर होइत अछि. साहित्य’क कमी केँ "तुकबन्दी’क कमी" नहि बुझल जाए. विवेकान्द जी’क कविता पढ़ल जाए जाहि मे सृजनता कोनो आभाव नहि अछि. प्रस्तुत कविता मे सृजनता’क अभाव सद्यः देखबा मे आबि रहल अछि. भावुक पँक्ति पाठक’क भावना केँ उद्वेलित कऽ सकैत अछि, मुदा साहित्य’क भूखल पाठक केँ प्रभावित नहि कऽ सकैत अछि.

दयाकान्त जी केँ हम चीन्हैत नहि छीअन्हि, मुदा भाषा सँ लागि रहल अछि जे ओ प्रौढ़ छथि. हम हुनकर पहिल रचना केँ आदर सहित स्वागत करैत छिअन्हि आ दोसर रचना लिखबा’क निमन्त्रण से दैत छिअन्हि. - डा० पद्मनाभ मिश्र

करण समस्तीपुरी said...

विषय त बड़ समीचीन अछि ! हाँ, शिल्प के कमजोरी अवश्य दृष्टिगोचर भेल मुदा ई कमी के पूरा करबाक एके टा उपाय अछि - निरंतर लेखन !! एक बात मोन राखब जे कविता में भलहि उपदेश होए मुदा कवि के उपदेशक होएबा से यथासम्भव बचबाक प्रयास करब चाही !! जे हो, एहि मंच पर अहांक हार्दिक स्वागत अछि !!!

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