एक गोट मैथिली गीत हमर माताश्री-क स्वर में

गीत दू बरख पहिने रिकार्ड कयल गेल छल जखन हम जमशेदपुर में छुट्टी पर गेल छलौं

3 comments:

सुभाष चन्द्र said...

Shriman,
Jadi yehi geet ke shrvya madhyam ke alawe drishya madhyam (devnagiri)mein rupantarit ka daitey ta basi neek. sab lag wo pahunchait...

Subhash
new delhi

विजय ठाकुर said...

jaldiye karbaak koshish karab

Rajeev Ranjan Lal said...

विजय जी,


"कतेक रास बात" में अहाँक माताजीक स्वर विविधता आनि रहल अछि आ ई हमरा सभक लेल अहोभाग्य जे ई मंच के अहाँ उपयुक्त माध्यम बुझलौं। अखन बहुत रास प्रयास के जरूरत छैक तकनीक के सहज रूपे आम आदमी के लेल कारगर बनाबै के लेल।

आशा अछि जे अहाँक देल विविधता (दृश्य/श्रव्य माध्यम) "कतेक रास बात" के आगाँ बेसी मनोरंजक बनाओत।


धन्यवाद,

राजीव रंजन लाल

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