कतेक रास बात सम्बन्धित नियम, कानून आओर शर्त

कतेक रास बात के सुचारू चलेबाक हेतु आ एवम एकरा प्रोमोट करबाक हेतु निम्नलिखित शर्त, नियम एवम कानून तय गेल अछि. ई नियम एवम कानून १५ अगस्त सँ लागू होयत. अपने लोकनि सँ आग्रह जे एहि नियम एवम कानून मे कोनो बदलाव’क सुझाव दी. एहि तरहक नियम कानून सबहक उपर मे लागू होयत (हमरो उपर मे). ई नियम एवम कानून सम्पादक, लेखक पाठक एवम टिप्पणीकर्ता केँ लेल एकटा दिशा निर्देश सेहो अछि. पाठक लोकनि सँ आग्रह जे प्रत्येक नियम केँ पढल जाए आओर ओहि मे कोनो सम्भावित फेर बदल करबाक हेतु अथवा कोनो नव नियम जोड़बाक हेतु टिप्पणी सँ सूचना देल जाए.

उद्देश्य:
१. कतेक रास बात एकटा एहेन मँच अछि जे गैर पेशेवर मैथिली लेखक केँ अपन रचना इन्टरनेट पर प्रकाशित करवाक अवसर प्रदान करैत अछि. कतेक रास बात’क मुख्य उद्देश्य इन्टरनेट पर मैथिली’क प्रचार प्रसार करबाक अछि.

कापीराइट सूचना:
२. कतेक रास बात पर प्रकाशित प्रत्येक रचना कापीराइटेड अछि. एकरा कोनो भी रूप मे कोनो दोसर जगह प्रकाशित करब एकटा अपराध अछि. एहेन कोनो तरह’क सूचना भेटला पर (१) पहिल तीन दिन’क भीतर सम्बन्धित लोकनि केँ नोटिस भेजल जायत (२) कोनो कारवाई नहि भेला पर अगिला ७ दिन’क भीतर मे कतेक रास बात पर एहेन तरह’क चोरी’क सूचना देल जाएत आ मैथिली ग्रूप मे प्रकाशित काएल जाएत. (३) एहिला दू सप्ताह के भीतर मे कोनो कारर्वाई नहि भेला पर Intelectual Property Right आओर Copyright Infringement के आधार पर कम सँ कम प्रति रचना एक लाख रुपैया’क हर्जाना’क माँग हेतु मुकदमा दायर कायल जायत.

शुरुआतकर्ता:
३. कतेक रास बात’क शुरुआत डा० पद्मनाभ मिश्र (आदि यायावर) द्वारा कायल गेल अछि.

सँयोजक एवम सँचालक:
४. कतेक रास बात’क मुख्य सँयोजक एवम सँचालक डा० पद्मनाभ मिश्र एवम श्री राजीव रँजन लाल अछि. कोनो भी विवाद भेला पर एहि दुनू वा किओ एक लोकनिक निर्णय अन्तिम एवम सर्वमान होयत.
५. कोनो भी सम्पादक’क कार्य देखलाक बाद आ दुनू सँयोजक के निर्णय केर आधार पर ओहि सम्पादक केँ सँयोजक आ सँचालक मण्डली मे शामिल कायल जा सकैत अछि. वर्तमान सँयोजक एवम सँचालक’क निर्णय अन्तिम.

सम्पादक मण्डली:
६. वर्तमान मे कतेक रास बात मे चारि सम्पादक अछि. सम्पादक’क निम्न कार्य निर्धारित काएल गेल अछि.
७. कोनो रचना के प्रकाशित करबाक अथवा नहि करबाक अधिकार पूर्ण रूप सँ सम्पादक के अछि. वर्तमान मे चारि लोकनि सम्पादक मण्डली मे छथि:
a. डा० पद्मनाभ मिश्र
b. राजीव रँजन लाल
c. कुन्दन कुमार मल्लिक
d. केशव करण
८. सम्पादक लोकनि कतेक रास बात पर मुख्य योगदान कर्ता सेहो रहताह.
९. भविष्य मे कोनो भी पुरस्कार सँबँधित निर्णय पूर्णतः सम्पादक लोकनि के हाथ मे रहत.
१०. सम्पादक मण्डली मे बहुमत के अधार पर रचना पर विचार काएल जायत. यदि कोनो निर्णय मे बराबर के मत अछि तऽ सँयोजक’क निर्णय अन्तिम मानल जायत.
११. सम्पादक मण्डली’क सुझाव पर कम सँ कम दस रचना कतेक रास बात मे प्रकाशित केला पर कोनो भी लेखक केँ सम्पादक मण्डली मे शामिल काएल जा सकैत अछि.
१२. सम्पादक लोकनि कतेक रास बात केँ प्रोत्साहित एवम प्रसारित करबाक कार्य सेहो करताह.
१३. सम्पादक मण्डली मे एकटा साझा ई मेल अछि जकर पासवर्ड सब सम्पादक लोकनि केँ देल गेल अछि. कोनो भी ई-मेल के जवाब मे सम्पादक लोकनि अपन व्यक्तिगत नाम जरूर लिखताह.
१४. कोनो भी पुरस्कार’क लेल सम्पादक मण्डली’क कोनो सदस्य हिस्सा नहि लऽ सकैत अछि.
१५. सम्पादक लोकनि मे सँ किओ यदि कतेक रास बात’क दुष्प्रचार करताह अथवा हुनका लोकनि सँ कतेक रास बात’क प्रतिष्ठा, सम्मान आ भविष्य पर खतरा भेला पर हुनका सम्पादक मण्डली सँ हँटा देल जायत.

योगदान कर्ता (लेखक, कवि इत्यादि):
१६. कतेक रास बात मे ऊच्च कोटि के रचना आमन्त्रित अछि. एहि मे मैथिली बाजए, लिखए वाला कोनो भी व्यक्ति योगदान कर्ता भऽ सकैत अछि.
१७. कोनो भी रचना प्रकाशित करबाक लेल maithili.editor@gmail.com पर ई-मेल करबाक चाही.
१८. सम्पादक लोकनि एहि रचना केँ सम्पादित कऽ अथवा विना सम्पादन के प्रकाशित कऽ सकैत छथि.
१९. कोनो भी रचना सँ अर्जित धन पर पूर्ण अधिकार सिर्फ ओहि रचना’क मूल लेखक के होयत. यदि कोनो रचना मे एक सँ बेसी लेखक अछि तऽ ओ धन मे सब लेखक केर बराबर के अधिकार रहत
२०. एक बेर कतेक रास बात पर रचना प्रकाशित भेला’क बाद ओकर कापीराइट सँयोजक एवम सम्पादक के भऽ जाएत अछि. एकर मतलब ई जे सँयोजक एवम स्म्पादक केँ पूर्ण अधिकार अछि जे ओहि रचना केँ कतहु आ कोनो रुप मे प्रकाशित करबाक.
२१. लेखक लोकनि कोनो भी तरीका सँ कतेक रास बात’क अलावा कोनो दोसर चीज’क प्रचार एहि वेबसाइट पर नहि करताह. जाबय धरि कोनो रचना मे कोनो भी इन्टरनेट लिँक’क अति आवश्यकता नहि हो तऽ लिन्क नहि देल जाए.
२२. सम्पादक लोकनि केँ अधिकार रहत जे फोन्ट, फोरमेट इत्यादि केँ कतेक रास बात’क थीम’क अनुसार फेर बदल कऽ देल जाए ताकि रचना देखबा मे सेहो सुन्दर लागय.
२३. कतेक रास बात समाज मे शान्ति आ सद्भावना’क लेल बनल अछि. लेखक लोकनि केँ चाही जे अपन रचना सँ कोनो आन लोकनिक भावना केँ आहत नहि करी. एहेन तरह’क कोनो बात भेला पर सम्पादक लोकनिक निर्णय सँ ओहि रचना केँ हँटा देल जायत.
२४. ओना कतेक रास बात पर रचना आमन्त्रित अछि मुदा लेखक केँ चाही जे हुनका एकटा अलग ब्लोग सेहो हो मैथिली भाषा’क इन्टरनेट पर प्रचार प्रसार लेल एना जरूरी अछि.

टिप्पणी:
२५. सम्पादक, लेखक एवम पाठक लोकनि केँ चाही जे रचना पर अपन टिप्पणी दऽ लेखक केँ प्रोत्साहित करी. मुदा टिप्पणी सम्बन्धित निम्नलिखित नियम लागू रहत.
२६. टिप्पणी ओहि रचना पर देल जाए नहि की लेखक पर.
२७. अलोचना साहित्य केर अभिन्न विधा होइत अछि. आलोचना एहेन होयबाक चाही जाहि सँ लेखक अपन रचना केँ आओर उत्कृष्ठ बना सकैत.
२८. टिप्पणी केँ निम्नलिखित आधार पर डीलिट कऽ देल जायत
२९. यदि कोनो व्यक्ति विशेष केर प्रतिष्ठा वा सम्मान केँ ठेस लागैत हो.
३०. यदि कोनो दोसर चीज के प्रसार हेतु टिप्पणी लिखल गेल हो. टिप्पणी मे सम्भन्धित रचना सँ अलग कोनो लिन्क देल गेल हो.

एहि नियम कानून शर्त मे सुधार, कोनो नव नियम जोड़वाक हेतु सुझाव आमन्त्रित अछि

4 comments:

Gajendra said...
This comment has been removed by the author.
Unknown said...

Sir,

Agar ham apan rachna english font me bhejee ta ki sampadak lokain wohi rachna ke devnagri me rupantaran k sakait chhaith ki nahi?
yadi han ta niyam me jodi diyouk.

Rajesh Jha
rajesh90ranjan@gmail.com

Kumar Padmanabh said...

raajesh jee aa gajendra jee;
ahaan dunu lokanik salaah ham sweekaar kelahun. kundan jee'k kichh aaor salah achhi. sab milaa ken ham nayaa draft taiyar karab aa ekaraa edit kau deb.

Gajendra said...
This comment has been removed by the author.

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