मुखिया बड़ बड़ सुखिया हे भोला

1850-60क बीच अंग्रेजी राजक स्थिति और मिथिलाक सामंत लोकनिक दुर्व्‍यवस्‍था कें लक्ष्‍य करैत कवीश्‍वर चंदा झा ई पद लिखलनि।
गैया जगतक मैया हे भोला
कटय कसैया हाथ
हाकिम भेल निरदैया हे भोला
कतय लगायब माथ
बरसा नहि भेल सरसा हे भोला
अरसा कए गेल मेह
रतिया दिन दुरगतिया हे भोला
जन तन जिवन संदेह
मुखिया बड़ बड़ सुखिया हे भोला
अन्‍नक दुखिया डोल
के सह कान कनखिया हे भोला
सुखिया बिरना टोल

विशेष विवरणक लेल मिथिला मे नवजागरण विषय पर तारानंद वियोगी क लिखल लेख देखी। देखबाक लेल तारानंद वियोगी सं 09431413125 पर संपर्क करी।

2 comments:

Kumar Padmanabh said...

अविनाश जी;
यदि विद्यापति मैथिली'क वेदव्यास छथि ते चन्दा झा'क गिनती तुलसी दास सँ होएबाक चाही. हम चन्दा झा'क मिथिला रमायण'क किछु हिस्सा पढ़ने छी.
ओना हमरा लोकनिक इच्छा जे अहाँ कतेक रास बात मे आओर बेसी सक्रिय रहु.

Anonymous said...

पद्मनाभ जी, हमरा बहुत इच्‍छा रहय-ए जे हम कतेक रास बात मे सक्रिय होइ... मुदा ततेक ने काज मे बाझल रहय छी जे ओकर व्‍यथा हम कहि नइ स‍कैत छी। ओना जतबे सक्रिय रहब, हमर प्रयास रहत जे अहां सभहक मोन नहि दुखाबी।

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